आइए जानते महाकुंभ मेले का राज 2025 महाकुंभ

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

आइए जानते महाकुंभ मेले का राज 2025 महाकुंभ

हेल्लो दोस्तो आज हम महाकुंभ मेला 2025 आइए जानते महाकुंभ मेले का राज 2025 महाकुंभ प्रयागराज में मेला चल रहा है आईए जानते हैं महाकुंभ मेला क्यों लगता है किस कारण क्या रहस्य है आईए जानते हैं आर्टिकल को पूरा पड़े अब हम आपको महाकुंभ मेले पर हमारी विशेष सीरीज का दूसरा भाग दिखाएंगे और आपको यह दिखाएंगे कि महाकुंभ मेले का रहस्य क्या है और ऐसी मान्यता क्यों है कि महाकुंभ में पवित्र स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं कुंभ संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है कलश मान्यता है कि जब समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को लेकर देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध हुआ तब

 

  • राक्षसों ने देवताओं को हराकर अमृत कलश को अपने पास रख लिया था
  • देवताओं को डर था
  • कि अगर राक्षसों ने इस अमृत को पी लिया तो
  • वह अमर हो जाएंगे इसके बाद उन्होंने भगवान विष्णु से मदद मांगी और
  • भगवान विष्णु ने राक्षसों को विचलित करने के लिए स्त्री का रूप धारण किया उनके
  • इस अवतार को मोहिनी अवतार कहा जाता है
  • राक्षसों से अमृत कलश को प्राप्त करने के लिए देवताओं ने
  • भगवान इंद्र के पुत्र जयंत से भी मदद मांगी और जयंत को कोवे के रूप में राक्षसों से
  • अमत कलश लाने के लिए
  • भेजा गया इस अमृत कलश की रक्षा करने के लिए उसके साथ चार और देवता मौजूद थे
  • इनमें चंद्र देवता को अमृत कलश की रक्षा करनी थी सूर्य देवता को इस कलश को टूटने से बचाना करनी थी
  • ताकि वह कलश से सारा अमृत खुद ही ना पी जाए
  • जब जयंत एक क का रूप
  • धारण करके राक्षसों से अमृत कलश को वापस लेकर आ रहे थे
  • तब हुए संघर्ष में अमृत की चार बूंदे
  • था देव गुरु बृहस्पति को राक्षसों को
  • रोकना था और शनि देवता को जयंत की निगरानी

 

 

 

पृथ्वी पर चार अलग-अलग स्थानों पर गिर गई और यह चार स्थान थे हरिद्वार प्रयाग नासिक और उज्जैन अमृत की बूंदे गिरते ही ये चारों स्थान पवित्र हो गए हमेशा के लिए और मान्यता है कि तभी से इन चारों स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन हो रहा है और यहां कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्थान स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं कुंभ भी चार प्रकार के होते हैं वह है कुंभ अर्ध

 

 

 

कुंभ पूर्ण कुंभ और महाकुंभ इनमें कुंभ का आयोजन हर चार साल में एक बार होता है अर्ध

Leave a Comment